देश भर के शिक्षकों को मिलेगी TET से छूट? 5 राज्यों ने उठाया बड़ा कदम एससी ने माना तो नहीं देनी होगी टीइटी TET Latest News Supreme Court:

❤कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए टीईटी पास करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से देश भर के शिक्षक काफी असहज महसूस कर रहे हैं। इस मामले में दो महीने के अंदर उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों ने सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल कर दी हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट देने की गुहार लगाई गई है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों को टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया है। उसके बाद से उत्तर प्रदेश ही नहीं, देश भर के लाखों शिक्षक इस आदेश से प्रभावित हो गए हैं।
पांच राज्यों ने दाखिल की पुनर्विचार याचिकाएं
| बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार ने टीईटी छूट मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहले ही पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। अब उत्तर प्रदेश के बाद केरल, तेलंगाना, मेघालय और उत्तराखंड सरकारों ने भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल कर दी हैं, जिसमें शिक्षा का अधिकार अधिनियम का प्रभाव प्रत्येक राज्य की अधिसूचना तिथि से करने का अनुरोध किया गया है। यानी कि राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करके कहा है कि जिस दिनांक को राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ है, उसी दिन से माना जाए। 23 अगस्त 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट दी जाए। |
1 अप्रैल 2010 से पूरे देश में लागू हुआ शिक्षा का अधिकार अधिनियम
| बता दें, 1 अप्रैल 2010 को पूरे देश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ था, जो 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा का अधिकार देता है। शिक्षक नियुक्ति से संबंधित योग्यता निर्धारित करने का अधिकार एनसीटीई को दिया गया है। हालांकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम राज्यों में अलग-अलग तारीख को लागू हुआ था, इसलिए राज्य सरकारें इस तारीख से शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू मानने की बात कर रही हैं और इसी आधार पर शिक्षकों के लिए टीईटी से छूट मांग रही हैं। |
किस राज्य में कब लागू हुआ RTE
| जहां पूरे देश में 1 अप्रैल 2010 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ था, वहीं उत्तर प्रदेश में आरटीई एक्ट 27 जुलाई 2011 को लागू हुआ था, जबकि तेलंगाना में 29 जुलाई 2011 को, केरल में 28 अप्रैल 2011 को और मेघालय में 1 मई 2011 को आरटीई एक्ट लागू हुआ था। जबकि उत्तराखंड में 18 जुलाई 2011 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम पूरी तरह से लागू कर दिया गया था। अगर सुप्रीम कोर्ट इन राज्यों की दलील स्वीकार कर लेता है कि उनके राज्य में लागू आरटीई एक्ट की तिथि के आधार पर इन कार्यरत शिक्षकों को टीईटी से छूट दी जाए, तो इन शिक्षकों को टीईटी से छूट मिल सकती है। हालांकि इसका अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट के ऊपर निर्भर है। |

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